सामाजिक आंदोलन क्यों हुए ? इनसे क्या क्या बदलाव आए ?

सामाजिक आंदोलन क्यों हुए ? पूरी जानकारी हिन्दी में।

सामाजिक आंदोलन क्यों हुए ? क्या क्या बदलाव आए ?

हेलो नमस्कार दोस्तों आज एक ही इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी घटना की तरफ ले चलते हैं जिसके चलते समाज में कई सुधार किए गए। जिसमें कई पुरुषों की बहुत बड़ी भूमिका है। आज की इस पोस्ट में हम उन्हीं समाज सुधारकों के बारे में आपको जानकारी देने वाले हैं तो आप हमारे इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े और जानिए कि हमारे समाज में कौन-कौन सी कुरीतियां थी जिन को नष्ट करने में कई महापुरुषों ने योगदान दिया।

ब्रिटिश शासन प्रणाली ने भारतीय समाज को प्रभावित किया था ब्रिटिश साम्राज्य एवं ऑफ निवेशक संस्कृति के विस्तार के विरुद्ध भारतीय जनता में प्रतिक्रिया हुई

19वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन में ऐसे आदर प्रारंभ हुए जिसे भारतीय पुनर्जागरण कहा गया।

♦ ब्रह्म समाज एवं राजा राममोहन राय

19 वी सदी में सामाजिक धार्मिक आंदोलन शुरू करने का श्रेय बंगाल से राजा राममोहन राय को जाता है।

बंगाल में नवचेतना और क्रांति का अग्रदूत राजा राममोहन राय को , भारत में नएजागरण का अग्रदूत तथा सुधार आंदोलनों का प्रवर्तक एवं आधुनिक भारत का प्रथम नेता कहा गया है।

1815 ईसवी में इन्होंने कोलकाता में आत्मीय सभा की स्थापना की 1825 ईसवी में कोलकाता में वेदांत कॉलेज की स्थापना की 1828 ई.  में उन्होंने कोलकाता में ब्रह्म सभा की स्थापना कर अपने विचारों का प्रचार-प्रसार किया ब्रह्म सभा “ब्रह्म समाज” के लाया।

1. सामाजिक सुधार – 

राजा राममोहन राय ने ब्रह्म समाज ने भारतीय समाज में कालांतर में आई कई रूढ़िवादी कुरीतियों का विरोध किया इन्होंने जाति प्रथा, अस्पृश्यता, सती प्रथा, बहु विवाह, बाल विवाह, पर्दा प्रथा आदि पर विरोध किया।

2. धार्मिक सुधार –

राजा राममोहन राय ने एक ब्रह्म (एकेश्वरवाद) का उपदेश दिया था इन्होंने वेद उपनिषद आदि के माध्यम से इस बात को प्रमाणित करने का प्रयास किया कि हिंदू धर्म की मौलिक ग्रंथों में एक भ्रम की बात कही गई है राजा मोहन राय ने कहा ” कि यदि कोई दर्शन, परंपरा आदि तर्क की कसौटी पर खरा न उतरे और वे समाज के लिए उपयोगी ना हो तो मनुष्य को उन्हें त्यागने में हिचकिचाना नहीं चाहिए” राजा राममोहन राय मूर्ति पूजा मैं अविश्वास की मान्यताओं का प्रसार किया।

3. राजनीतिक विचार – 

राजा राममोहन राय राजनीतिक क्षेत्र में उदारवादी विचारों के समर्थक थे। उन्होंने भारतीयों में राजनीतिक चेतना उत्पन्न करने में योगदान दिया राजनीतिक विषयों पर आंदोलन का प्रारंभ करने का श्रेय राजा राममोहन राय को जाता है।

4. आर्थिक विचार  –

आर्थिक क्षेत्र में उन्होंने जनसाधारण को आर्थिक शोषण से मुक्त कराने की कोशिश की बंगाल के जमींदारों द्वारा किसानों पर किए जा रहे अत्याचार का विरोध किया।

♦ आर्य समाज एवं दयानंद सरस्वती –

आर्य समाज आंदोलन का उदय ब्रिटिश साम्राज्य एवं पाश्चात्य विचारों के प्रभावों की प्रतिक्रिया के रूप में हुआ आर्य समाज तत्कालीन समाज सुधार आंदोलनों से  भिन्न था।

इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म एवं समाज मैं कालांतर में आई रूढ़ियों को समाप्त कर प्राचीन बौद्ध धर्म को शुद्ध रूप से पुनर्स्थापित करना था।

दयानंद सरस्वती ने अपने विचारों को हिंदी में लिखी सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक में व्यक्त किया है दयानंद सरस्वती ने 1875 ईसवी में बंगाल में आर्य समाज की स्थापना की और इसके सिद्धांत एवं नियम बनाये।

1. सामाजिक सुधार –

आर्य समाज ने समाज सुधार के कार्य करते हुए सामाजिक समता बस समरसता की बात कही।

आर्य समाज में वर्ण व्यवस्था को जन्म के स्थान पर तथा कर्म के आधार पर माना गया है जाति प्रथा तथा छुआछूत का विरोध किया, स्त्रियों की स्थिति को सुधारने का प्रयास किया, बाल विवाह, पर्दा प्रथा, दहेज प्रथा, बहु विवाह आदि सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का प्रयास किया।

2. धार्मिक विचार एवं कार्य –

धार्मिक क्षेत्र में दयानंद सरस्वती ने ना केवल हिंदू धर्म में कालांतर में आई त्रुटियों को सुधारने का प्रयास किया बल्कि ईसाई एवं इस्लाम मजहब को में व्याप्त बुरी चीजों को भी उजागर किया , हिंदू धर्म का असली आधार दयानंद सरस्वती वेद को प्रमुख मानते थे। शुद्ध वैदिक परंपरा में विश्वास करते थे उन्होंने “वेदों की ओर लौट चलो” का नारा दिया।

3. राजनीतिक विचार –

 स्वदेशी राज्य की बात करते हुए दयानंद सरस्वती ने कहा है कि विदेशी राज्य चाहे कितना अच्छा हो लेकिन वह सुखदायक नहीं हो सकता बुरे से बुरे देसी राज्य अच्छे से अच्छे विदेशी राज्य से अच्छा है इन्होंने सबसे पहले “स्वराज्य” शब्द का उपयोग किया स्वदेशी, स्वभाषा, स्वराज्य एवं स्वाभिमान की बात कही।

निष्कर्ष : 

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया कि सामाजिक आंदोलन क्यों हुए इन आंदोलनों में किन-किन लोगों की भूमिका रही और इन आंदोलनों की वजह से क्या-क्या बदलाव हुए और क्या-क्या सुधार हुए इस सब की जानकारी इस आर्टिकल में हमने आपको पूरी हिंदी भाषा में दी। यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो इसे लाइक करें अपने सभी दोस्तों के साथ ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना महत्वपूर्ण फीडबैक जरूर दें।

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